Self confidence
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जन्म से किसी भी व्यक्ति का self confidence हाई नहीं होता हैं। बल्कि मेहनत करके इसे बढ़ाना पड़ता हैं। कई बार आपके सामने अपनी काबिलियत साबित करने का मौका आता है। उस वक्त पर आपका आत्मविश्वास अगर हिल गया तो आपको पीछे हटना पड़ता है। आत्मविश्वास की कमी के कारण हमारे व्यक्तित्व पर नकारात्मक असर पड़ता है। यहाँ हम आपको कुछ ऐसे आसान तरीके बतायेंगे जिससे आप अपने आत्मविश्वास को आसानी से बढ़ा सकते हैं।

you can do it


अपना आत्म सम्मान बढ़ाये: अपना ध्यान बढ़ाना आत्म विश्वास बढ़ाने की दिशा में एक विशेष पहल है। अगर आप अच्छे-अच्छे कपड़े पहनते हैं तो आप अपने बारें में अच्छा महसूस करते हैं। ऐसा करने में आप अपने आपको सफल और प्रस्तुतीकरण में सहज महसूस करते हैं और दुनिया का मुकाबला करने के लिए तैयार रहते हैं। ज्ञान के साथ-साथ अपने आप को सशक्त बनायें। ऐसी बहुत सी पहल करके आप अपना आत्म सम्मान बढ़ा सकते है।


रूचिबद्ध कार्य के प्रति जुनून पैदा करें: अपने कार्य के प्रति जुनून पैदा करो। आप जिस कार्य में या जिस भी चीज में रूचि रखते है, उसको बड़ा रूचिबद्ध तरीके से करो। रूचिबद्ध कार्य को जुनून के साथ करने से आपके self confidence बढ़ेगा।


ज्यादा से ज्यादा अभ्यास करें: एक विद्यार्थी निरंतर अभ्यास करता है, जब जाकर वह उच्च नंबरो से उत्तीर्ण होता है। क्योंकि उसको अपने कार्य के प्रति एक जुनून होता है। इस दुनिया में सभी इंसान, जीव आदि अपने कार्य को बड़ी मेहनत से करते है। इसलिए दोस्तों अधिक से अधिक अभ्यास करें और अपने फील्ड को अच्छे से उत्तीर्ण करें।


कार्य में निरंतरता बनाये रखें: कार्य में निरंतरता बनाये रखने के लिए ध्यान कर सकते है। एक बार में बहुत अधिक करने की कोशिश करके प्रक्रिया को और भी अधिक चुनौतीपूर्ण न बनाएं। समय पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक लक्ष्य को चुनना है। निरंतरता सीखने में समय लगता है। निरंतर होने के लिए आपको दिन के बाद सकारात्मक व्यवहार या प्रदर्शन को दोहराना होगा, जब तक कि यह आपको परिभाषित न करे।


अपनी कमियों को दूर करें: कोई भी व्यक्ति पूरी तरह से परफेक्ट नहीं होता। लेकिन अपनी कमियों कि पहचान करके उन्हें सही करने कि मेहनत जरुर कर सकता है। कुछ लोग अपनी कमी या गलती मानकर उसे सुधारने में शर्म महसूस नहीं करते जबकि कुछ लोग अपनी कमजोरी मानने में अपना अपमान समझते हैं। यहीं वे दूसरों की तुलना में मात खाते हैं। खुद को अपनी कमियों से हारने देने के बजाय इन कमियों को हराने की पहल करें और खुद कि नींव मजबूत करें।


खुद की तुलना दूसरो से ना करें: अपनी तुलना दूसरों से करने से रोकना कठिन है, आजकल हर किसी को परफ़ेक्ट बनना है। यदि हम अपनी उपलब्धियों और दक्षता को जाँचना शुरू कर देते हैं, तो हम सच में आगे बढ़ सकते हैं। इंसान खुद में इतना दक्ष होता है कि वह किसी से भी कम नहीं होता। बस इंसान को खुद को पहचानने कि जरूरत होती है।


दूसरो की सहायता करें: सहायता करना, सेवा करना एक ही बात हैं। कुछ करने से अगर खुशी की अनुभूति होती है तो उससे बढ़कर आनंद किसी में नहीं है। आनंद को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। हम दूसरों की सेवा या सहायता करते हैं और वह प्रसन्न होता है, उससे जो खुशी प्राप्त होता है वही आनंद है।

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जिस काम से डर लगें उसे बारबार करें: खुद को इतना निडर बनाओ कि काम को करते-करते आपको ख़ुशी के साथ-साथ रूचि भी आने लगें। काम को बार-बार करें जिससे आपको काम का अभ्यास तो perfect होगा। लेकिन उस काम के प्रति डर नहीं रहेगा।


 

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