indian culture
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भारत की संस्कृति बहुआयामी है जिसमें भारत का महान इतिहास, विलक्षण भूगोल और सिन्धु घाटी की सभ्यता के दौरान बनी और आगे चलकर वैदिक युग में विकसित हुई। बौद्ध धर्म एवं स्वर्ण युग की शुरुआत और उसके अस्तगमन के साथ फली-फूली अपनी खुद की प्राचीन विरासत शामिल हैं। इसके साथ ही पड़ोसी देशों के रिवाज़, परम्पराओं और विचारों का भी इसमें समावेश है।

पिछली पाँच सहस्राब्दियों से अधिक समय से भारत के रीति-रिवाज़, भाषाएँ, प्रथाएँ और परंपराएँ इसके एक-दूसरे से परस्पर संबंधों में महान विविधताओं का एक अद्वितीय उदाहरण देती हैं। भारत कई धार्मिक प्रणालियों, जैसे कि सनातन धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म और सिख धर्म, सिंधी धर्म धर्मों का जनक है। इस मिश्रण से भारत में उत्पन्न हुए विभिन्न धर्म और परम्पराओं ने विश्व के अलगअलग हिस्सों को भी बहुत प्रभावित किया है।

भारत की इन परंपराओं के पीछे वैज्ञानिक कारणों को आपको जरूर जानना चाहिए भारतीय समाज में कई प्रकार की परंपराएं और मान्यताएं हैं परंतु उसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी होता है। इस लेख में हम आपको भारत की परंपराओं के पीछे वैज्ञानिक कारण को बताएंगे।


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1. नमस्ते करना: भारतीय संस्कृति में किसी व्यक्ति से मिलते समय हाथ जोड़कर नमस्ते करते हैं, पर इसका शिष्टाचार के अलावा एक वैज्ञानिक कारण भी है। दोनों हाथों को जोड़ने से हाथ की उंगलियों पर जोर पड़ता है। यह एक प्रकार का एक्यूप्रेशर का दबाव होता है जिससे हमारा दिमाग, कान और आंख है सक्रिय हो जाते हैं। इससे हम सामने वाले व्यक्ति को लंबे समय तक याद कर रख सकते हैं।


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2. पीपल की पूजा करना: हिंदू धर्म में पीपल की पूजा को बहुत शुभ माना जाता है। हर शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दिया जलाया जाता है। इस तथ्य का वैज्ञानिक महत्व है कि पीपल का पेड़ दिन के साथ साथ रात में भी ऑक्सीजन देता है। यह पेड़ पर्यावरण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस पेड़ की पूजा करने से लोगों में इसके प्रति सम्मान उत्पन्न हो जाता है और वे पीपल के पेड़ को नहीं काटते। फलस्वरुप हमें शुद्ध ऑक्सीजन मिलती रहती है।


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3. माथे पर तिलक (कुमकुम) लगाना: हर हिंदू सुबह नहा धोकर पूजा करके अपने माथे पर तिलक लगाता है। यह देखने में भी अत्यधिक सुंदर लगता है। पर इसके पीछे वैज्ञानिक महत्व भी है। माथे पर सिर के बीचोबीच कुमकुम लगाने से वहां की नस दब जाती है जिससे शरीर में ऊर्जा का संचार रहता है। इसके साथ ही चेहरे की मांसपेशियों में रक्त का संचार बेहतर तरीके से होता है। इससे व्यक्ति का चेहरा भी निखरता है।


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4. जमीन पर बैठकर भोजन करना: भारतीय समाज में अधिकतर लोग जमीन पर बैठकर भोजन करते हैं परंतु इसका वैज्ञानिक महत्व भी है। दोनों घुटनों को मोड़ कर पलती मार कर बैठना एक प्रकार का योगा भी होता है जिससे मस्तिष्क शांत होता है। भोजन करते समय मन शांत रहता है और पाचन शक्ति भी बढ़ती है।


5. दक्षिण की तरफ सिर करके सोना: हिंदू धर्म में सभी लोग दक्षिण की तरफ सिर करके सोते हैं। कुछ लोग का मानना है कि इस तरह सोने से बुरे सपने नहीं आते, भूत प्रेत से व्यक्ति बचा रहता है। परंतु उसके पीछे वैज्ञानिक तर्क है। उत्तर दिशा में उत्तरी ध्रुव का चुंबकीय प्रभाव होता है। उत्तर की तरफ सिर करके सोने से हमारा शरीर पृथ्वी की चुंबकीय तरंगों की सीध में जाता है। जिससे शरीर में मौजूद आयरन (लोहा) दिमाग की ओर बढ़ने लगता है। इससे दिमाग से संबंधित रोग, अल्जाइमर, पार्किंसन जैसी बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके साथ ही रक्तचाप बढ़ जाता है।


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6. सूर्य नमस्कार करना: भारतीय संस्कृति में योगा का अत्यधिक महत्व है। योगा में सूर्य नमस्कार सभी लोग करते हैं, पर क्या आप उसके पीछे का वैज्ञानिक कारण जानते हैं? सूर्य नमस्कार करने से सुबह का व्यायाम भी हो जाता है। इसके साथ व्यक्ति को विटामिन डी भी मिल जाता है। आजकल लोग ज्यादातर घर या ऑफिस में रहते हैं। सूर्य की रोशनी में बाहर नहीं निकल पाते हैं और इस कारण उन्हें विटामिन डी नहीं मिल पाता है।


 

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2 thoughts on “Major religious and cultural beliefs of India

  1. You could certainly see your expertise in the work you write. The world hopes for even more passionate writers like you who aren’t afraid to say how they believe. Always go after your heart.

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