जब आप अकेले हों तो अपने विचारों पर ध्यान दें: इंसान को जब भी अकेलापन महसूस हो, तो वो किसी काम में खुद को व्यस्त कर लें, जो उसको पसंद हो। इससे वह अकेलेपन और बुरे विचार दोनों से दूर रहेगा। आप कुछ देर के लिए कहीं बहार घूमने जा सकते हैं। इससे थोड़ा माहौल में बदलाव होगा तो आपको अच्छा लगेगा। अपने विचारों के प्रति हमेशा सचेत रहें, ताकि आप बुरे और अच्छे विचारों में फर्क कर सकें। जब भी बुरे ख्याल मन में आएं, तो कभी नींद नहीं लेना चाहिए। नींद सिर्फ शरीर की थकान को दूर करता हैं, न कि मानसिक थकान को।
जब आप दोस्तों के साथ हों तो अपनी जुबान पर ध्यान दें: मित्रता दो या अधिक व्यक्तियों के बीच पारस्परिक लगाव का संबंध है। जब दो दिल एक–दूसरे के प्रति सच्ची आत्मीयता से भरे होते हैं, तब उस सम्बन्ध को मित्रता कहते है। सच्चा दोस्त तब भी आपका दर्द समझ जाता है, जब आप दुनिया को यह दिखाने की कोशिश कर रहे होते हैं कि सबकुछ ठीक ठाक है। लेकिन दोस्तों के साथ जब आप घूमे फिरे, टूर पर जाये, पार्टी आदि कुछ भी करे याद रखे की अपनी जुबान पर ध्यान रखे। क्योंकि आपके द्वारा कहा कोई कड़वा या बुरा शब्द आपके सच्चे मित्र के दिल पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।
जब आप समूह के साथ हों तो अपने व्यवहार पर ध्यान दें: अक्सर लोगों में देखा गया है कि पार्टीयो, मीटिंग्स और शादी समारोह में समूह के साथ बहुत ज्यादा खुल जाते है। जिससे वे अपना Behavior Discretion समूह के समक्ष खो देते है। इसलिए जब आप समूह के साथ हों तो अपने Behavior पर ध्यान दें।
जब आप क्रोधित हों तो अपने स्वभाव पर ध्यान दें: क्रोध पर नियंत्रण हर इंसान चाहता है कि उसे क्रोध से छुटकारा मिल जाए। लेकिन जब क्रोध आता है, तो आप उस पर काबू नहीं कर पाते हैं। क्रोध दिखाने के लिए उपयुक्त स्थान होना चाहिए। बार–बार, हर समय, हर जगह क्रोध नहीं दिखाना चाहिए। इससे आपकी प्रकृति, मान, स्वभाव पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए जब भी आपको क्रोध आए तो अपने स्वभाव पर विशेष ध्यान दें।
जब आप मुसीबत में हों तो अपनी भावनाओं पर ध्यान दें: मानव जीवन सुख–दुःख, हार–जीत के अनेको संघर्षों को पार कर आगे बढ़ता रहता है। क्योंकि जीवन का उद्देश्य ही है, ‘आगे बढना’। यही हमारा सबसे बड़ा धर्म है, इसी में सुख है, आनंद है। हमारे जीवन में कितनी भी बड़ी से बड़ी मुसीबत या दुःख आ जाये लेकिन हमें डोलना नहीं है। अर्थात घबराना नहीं चाहिए। आपको बड़ी से बड़ी मुसीबत में भी अपनी feelings पर ध्यान देना होगा। जिससे आप इस संघर्ष रूपी जीवन से पार हो सकेंगे।
जब भी आपको लगे कि ईश्वर आपको आशीर्वाद दे रहे है या संयोगवश आपका समय अच्छा हो गया है या होने वाला है। तो अपने अहंकार पर ध्यान दें। क्योंकि उस समय अहंकार में होने से आपके समस्त कार्य अपूर्ण हो जायेंगे।